धर्मवीर भारती का जीवन परिचय : धर्मवीर भारती एक प्रसिद्ध हिंदी लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। 25 दिसंबर 1926 को इलाहाबाद में जन्मे, धर्मवीर भारती ने विभिन्न विधाओं में रचनाएं कीं, जिनमें कविता, उपन्यास, नाटक, निबंध और अनुवाद शामिल हैं।
उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं में "गुनाहों का देवता", "सूरज का सातवां घोड़ा", "अंधा युग", "ठेले पर हिमालय" और "कुरुक्षेत्र" शामिल हैं। "गुनाहों का देवता" हिंदी साहित्य में एक क्लासिक उपन्यास माना जाता है और "सूरज का सातवां घोड़ा" अपनी अनूठी शैली के लिए जाना जाता है। "अंधा युग" महाभारत के युद्ध के बाद की कहानी पर आधारित एक प्रसिद्ध नाटक है।
धर्मवीर भारती 1960 से 1997 में अपनी मृत्यु तक लोकप्रिय हिंदी पत्रिका "धर्मयुग" के मुख्य संपादक भी थे। उन्हें 1972 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।
धर्मवीर भारती हिंदी साहित्य के एक महत्वपूर्ण स्तंभ थे और उनकी रचनाएं आज भी पाठकों को प्रेरित और प्रभावित करती हैं।
यह लेख आपको धर्मवीर भारती जी के जीवन, रचनाओं और उनके योगदान के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है।
नाम | धर्मवीर भारती |
जन्म | 25 दिसंबर 1926 |
जन्मस्थान | इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) |
शिक्षा | एम.ए., पीएच.डी. (हिंदी) |
प्रमुख रचनाएं | गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, अंधा युग, कुरुक्षेत्र, ठेले पर हिमालय, कंकाल |
पुरस्कार और सम्मान | साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मश्री, व्यास सम्मान, महाराष्ट्र गौरव, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि, इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि |
मृत्यु | 4 सितंबर 1997 |
मृत्युस्थान | नई दिल्ली |
भाषा शैली | सरल, सहज, प्रभावशाली, वैविध्यपूर्ण, कल्पनाशील और व्यंग्यात्मक |
योगदान | हिंदी साहित्य को नई दिशा दी, भाषा और शैली का विकास किया, युवा पीढ़ी को प्रेरणा दी, मानवतावाद, देशभक्ति, और जीवन के रहस्यों का चित्रण किया |
साहित्यिक काल | आधुनिक युग |
इस लेख में क्या है?
धर्मवीर भारती: जन्म और परिवार
धर्मवीर भारती, हिंदी साहित्य के एक स्तंभ, का जन्म 25 दिसंबर 1926 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) के अतर सुइया मोहल्ले में हुआ था। उनका जन्म एक मध्यमवर्गीय कायस्थ परिवार में हुआ था।
इनके परिवार की बात करें तो धर्मवीर भारती के पिता, श्री चिरंजीवलाल वर्मा, इलाहाबाद में एक सरकारी कर्मचारी थे। वे एक शिक्षित और संस्कारी व्यक्ति थे और उन्होंने अपने बच्चों को भी शिक्षा और संस्कारों का महत्व सिखाया। माता श्रीमती चंदादेवी, एक गृहिणी थीं और साथ ही धर्मवीर भारती के चार भाई और दो बहनें थीं।
धर्मवीर भारती का परिवार एक मध्यमवर्गीय कायस्थ परिवार था। उनका परिवार साहित्य और कला में रुचि रखने वाला परिवार था। उनके पिता और माता दोनों ही शिक्षित और संस्कारी व्यक्ति थे और उन्होंने अपने बच्चों को भी शिक्षा और संस्कारों का महत्व सिखाया।
धर्मवीर भारती: शिक्षा और कैरियर
धर्मवीर भारती ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इलाहाबाद में प्राप्त की। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए. और पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की। आपको बता दें कि धर्मवीर भारती ने अपने कैरियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाया। इसके बाद, उन्होंने कुछ समय के लिए पत्रकारिता भी की।
धर्मवीर भारती एक प्रसिद्ध लेखक और कवि थे। उन्होंने कई उपन्यास, नाटक, कविताएँ और निबंध लिखे। उनके कुछ प्रसिद्ध उपन्यासों में "गुनाहों का देवता" और "सूरज का सातवां घोड़ा" शामिल हैं। उनके प्रसिद्ध नाटकों में "अंधा युग" और "चंद्रगुप्त" शामिल हैं।
धर्मवीर भारती को उनके साहित्यिक योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
हम कह सकते है कि धर्मवीर भारती एक महान लेखक और कवि थे। उन्होंने हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी शिक्षा और कैरियर युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है।
धर्मवीर भारती की रचनाएँ
धर्मवीर भारती हिंदी साहित्य के एक महान लेखक और कवि थे। उन्होंने विभिन्न विधाओं में रचनाएं लिखीं, जिनमें उपन्यास, नाटक, कविता, कहानी, निबंध, यात्रा वृत्तांत और अनुवाद शामिल हैं।
उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं -
उपन्यास
- गुनाहों का देवता
- सूरज का सातवां घोड़ा
नाटक
- अंधा युग
- चंद्रगुप्त
- वीर विनय
कविता
- ठेले पर हिमालय
- कुरुक्षेत्र
- दिल्ली
कहानी
- गुलकी बन्नो
- अंधेरी
- काली बिल्ली
निबंध
- चिंतामणि
- कल्पना और आलोचना
- संस्मरण
यात्रा वृत्तांत
- ठेले पर हिमालय
अनुवाद
- जॉन गॉल्सवर्दी की "द फॉर्साइट सागा" का हिंदी में अनुवाद
धर्मवीर भारती ने विभिन्न विधाओं में रचनाएं लिखीं, लेकिन वे उपन्यास और नाटक के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं।.उनकी रचनाओं में सामाजिक और राजनीतिक चेतना का भी महत्वपूर्ण स्थान है।
धर्मवीर भारती की भाषा शैली
धर्मवीर भारती हिंदी साहित्य के एक महान लेखक और कवि थे। उनकी भाषा शैली सरल, सहज और प्रभावशाली थी।
उनकी भाषा शैली की कुछ विशेषताएं -
सरल और सहज: धर्मवीर भारती की भाषा शैली सरल और सहज है। वे सरल शब्दों का प्रयोग करते थे, जिसके कारण उनकी रचनाएं सभी वर्गों के पाठकों के लिए सुगम होती हैं।
प्रभावशाली: धर्मवीर भारती की भाषा शैली प्रभावशाली है। वे शब्दों का चयन और प्रयोग इस तरह से करते थे कि पाठकों का मन मोहित हो जाता है।
वैविध्यपूर्ण: धर्मवीर भारती की भाषा शैली वैविध्यपूर्ण है। वे विभिन्न विधाओं में रचनाएं लिखते थे और प्रत्येक विधा के लिए उनकी भाषा शैली अलग-अलग होती थी।
कल्पनाशील: धर्मवीर भारती की भाषा शैली कल्पनाशील है। वे अपनी रचनाओं में कल्पना का भरपूर प्रयोग करते थे, जिसके कारण उनकी रचनाएं रोचक और आकर्षक बन जाती हैं।
व्यंग्यात्मक: धर्मवीर भारती की भाषा शैली में व्यंग्य का भी प्रयोग होता था। वे सामाजिक और राजनीतिक बुराइयों पर व्यंग्य करते थे।
धर्मवीर भारती की भाषा शैली का अध्ययन हिंदी साहित्य के छात्रों के लिए आवश्यक है। उनकी भाषा शैली का पाठकों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। समकालीन लेखकों और आलोचकों ने धर्मवीर भारती की भाषा शैली की प्रशंसा की है।
धर्मवीर भारती: हिंदी साहित्य में योगदान और स्थान
हिंदी साहित्य में योगदान इस प्रकार है -
नई दिशा: धर्मवीर भारती ने हिंदी साहित्य को नई दिशा दी। उन्होंने अपनी रचनाओं में सामाजिक और राजनीतिक चेतना का समावेश किया।
भाषा और शैली का विकास: धर्मवीर भारती ने हिंदी भाषा और शैली के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी भाषा सरल, सहज और प्रभावशाली थी।
युवा पीढ़ी को प्रेरणा: धर्मवीर भारती की रचनाओं ने युवा पीढ़ी को प्रेरणा दी। उनकी रचनाओं में देशभक्ति, सामाजिक न्याय और मानवतावाद के विचारों का समावेश है।
हिंदी साहित्य में स्थान इस प्रकार है -
धर्मवीर भारती हिंदी साहित्य के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उनकी रचनाओं ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। वे हिंदी साहित्य के इतिहास में हमेशा याद किए जाएंगे।
उनकी प्रमुख रचनाओं का हिंदी साहित्य पर प्रभाव:
गुनाहों का देवता: यह उपन्यास हिंदी साहित्य के सबसे महत्वपूर्ण उपन्यासों में से एक है। इस उपन्यास ने सामाजिक और राजनीतिक चेतना को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सूरज का सातवां घोड़ा: यह उपन्यास भी हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण उपन्यासों में से एक है। इस उपन्यास में धर्मवीर भारती ने मानव जीवन के रहस्यों को उजागर किया है।
अंधा युग: यह नाटक हिंदी साहित्य के सबसे महत्वपूर्ण नाटकों में से एक है। इस नाटक में धर्मवीर भारती ने महाभारत युद्ध की त्रासदी को दर्शाया है।
कुरुक्षेत्र: यह कविता हिंदी साहित्य की सबसे महत्वपूर्ण कविताओं में से एक है। इस कविता में धर्मवीर भारती ने कुरुक्षेत्र युद्ध के विनाशकारी परिणामों को दर्शाया है।
धर्मवीर भारती जी को मिले पुरस्कार, सम्मान और उपाधियाँ
धर्मवीर भारती जी को उनकी रचनाओं के लिए अनेक पुरस्कार, सम्मान और उपाधियाँ प्राप्त हुईं।
1962 | साहित्य अकादमी पुरस्कार (हिंदी) - "अंधा युग" नाटक के लिए |
1968 | भारत-भारती पुरस्कार |
1972 | पद्मश्री |
1984 | व्यास सम्मान |
1986 | महाराष्ट्र गौरव |
1976 | संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (रंगमंच) |
1982 | दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि |
1985 | इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि |
उपाधियाँ
- "कवि सम्राट"
- "आधुनिक रवींद्रनाथ"
- "हिंदी का गौरव"
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि
धर्मवीर भारती जी को उनकी रचनाओं के लिए अनेक अन्य पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त हुए। वे हिंदी साहित्य के सबसे सम्मानित लेखकों में से एक थे।
धर्मवीर भारती जी का निधन
धर्मवीर भारती जी का निधन 4 सितंबर 1997 को नई दिल्ली में हुआ था। उनकी रचनाओं ने हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। वे हिंदी साहित्य के इतिहास में हमेशा याद किए जाएंगे।
निष्कर्ष
धर्मवीर भारती हिंदी साहित्य के एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। उन्होंने विभिन्न विधाओं में रचनाएं लिखीं और सभी में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनकी रचनाओं में सामाजिक और राजनीतिक चेतना, भाषा और शैली का विकास, युवा पीढ़ी को प्रेरणा, मानवतावाद, देशभक्ति और जीवन के रहस्यों का चित्रण देखने को मिलता है। वे हिंदी साहित्य के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और उनकी रचनाएं हिंदी साहित्य को समृद्ध करती रहेंगी।
धर्मवीर भारती जी का जीवन एक प्रेरणादायक जीवन है। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दी। वे हिंदी साहित्य के इतिहास में हमेशा याद किए जाएंगे।
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FAQs
धर्मवीर भारती का जन्म कब और कहां हुआ था?
उत्तर: धर्मवीर भारती का जन्म 25 दिसंबर 1926 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में हुआ था।
धर्मवीर भारती की शिक्षा कहां से हुई?
उत्तर: धर्मवीर भारती ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिंदी में एम.ए. और पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की।
धर्मवीर भारती की प्रमुख रचनाएं कौन सी हैं?
उत्तर: धर्मवीर भारती की प्रमुख रचनाओं में "गुनाहों का देवता", "सूरज का सातवां घोड़ा", "अंधा युग", "कुरुक्षेत्र", "ठेले पर हिमालय", "कंकाल" आदि शामिल हैं।
धर्मवीर भारती को कौन से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए?
उत्तर: धर्मवीर भारती को साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्मश्री, व्यास सम्मान, महाराष्ट्र गौरव, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि, इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि आदि पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए।
धर्मवीर भारती की भाषा शैली की विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर: धर्मवीर भारती की भाषा शैली सरल, सहज, प्रभावशाली, वैविध्यपूर्ण, कल्पनाशील और व्यंग्यात्मक है।
धर्मवीर भारती का हिंदी साहित्य में क्या योगदान है?
उत्तर: धर्मवीर भारती ने हिंदी साहित्य को नई दिशा दी, भाषा और शैली का विकास किया, युवा पीढ़ी को प्रेरणा दी, मानवतावाद, देशभक्ति और जीवन के रहस्यों का चित्रण किया।
धर्मवीर भारती का निधन कब और कहां हुआ था?
उत्तर: धर्मवीर भारती का निधन 4 सितंबर 1997 को नई दिल्ली में हुआ था।
धर्मवीर भारती को "कवि सम्राट" उपाधि क्यों दी गई?
उत्तर: धर्मवीर भारती को उनकी उत्कृष्ट कविताओं के लिए "कवि सम्राट" उपाधि दी गई।
धर्मवीर भारती की रचनाओं में सामाजिक और राजनीतिक चेतना का चित्रण कैसे किया गया है?
उत्तर: धर्मवीर भारती की रचनाओं में सामाजिक बुराइयों, राजनीतिक भ्रष्टाचार और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष का चित्रण किया गया है।
धर्मवीर भारती की कौन सी रचना आपको सबसे ज्यादा प्रभावित करती है और क्यों?
उत्तर: यह आपके व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।